दुनिया से 'यास' जाने को जी चाहता नहीं By Sher << किस की आँखों को नींद चुभत... ऐ नूर-ए-जान-ओ-दीदा तिरे इ... >> दुनिया से 'यास' जाने को जी चाहता नहीं अल्लाह रे हुस्न गुलशन-ए-ना-पाएदार का Share on: