हाथ उलझा है गरेबाँ में तो घबराओ न 'यास' By Sher << अजब तरह से गुज़ारी है ज़ि... भरम उस का ही ऐ मंसूर तू न... >> हाथ उलझा है गरेबाँ में तो घबराओ न 'यास' बेड़ियाँ क्यूँकर कटीं ज़िंदाँ का दर क्यूँकर खुला Share on: