पर्दा-ए-हिज्र वही हस्ती-ए-मौहूम थी 'यास' By Sher << ख़त-ए-शौक़ को पढ़ के क़ास... राह-ए-उल्फ़त का निशाँ ये ... >> पर्दा-ए-हिज्र वही हस्ती-ए-मौहूम थी 'यास' सच है पहले नहीं मालूम था ये राज़ मुझे Share on: