यहाँ तो रोज़ नई आफ़तों से पाला है By Sher << हम आइने में तिरा अक्स देख... अगरचे फूल ये अपने लिए ख़र... >> यहाँ तो रोज़ नई आफ़तों से पाला है 'हुसैन' कितने अब आएँगे कर्बला के लिए Share on: