यही है गर ख़ुशी तो रात भर गिनते रहो तारे By Sher << कई फ़ाक़ों में ईद आई है चुप के आलम में वो तस्वीर ... >> यही है गर ख़ुशी तो रात भर गिनते रहो तारे 'क़मर' इस चाँदनी में उन का अब आना तो क्या होगा Share on: