यहीं से राह कोई आसमाँ को जाती थी By Sher << हर सम्त से तूफ़ान की आमद ... वह शक्ल वह शनाख़्त वह पैक... >> यहीं से राह कोई आसमाँ को जाती थी ख़याल आया हमें सीढ़ियाँ उतरते हुए Share on: