यक़ीनन रहबर-ए-मंज़िल कहीं पर रास्ता भूला By Sher << ज़िंदगी ऐसे भी हालात बना ... रोना है ये कि आप भी हँसते... >> यक़ीनन रहबर-ए-मंज़िल कहीं पर रास्ता भूला वगर्ना क़ाफ़िले के क़ाफ़िले गुम हो नहीं सकते Share on: