बज़्म में यूँ तो सभी थे फिर भी 'आमिर' देर तक By Sher << अगर वो आज रात हद्द-ए-इल्त... बाज़ आ साहिल पे ग़ोते खान... >> बज़्म में यूँ तो सभी थे फिर भी 'आमिर' देर तक तेरे जाने से रही इक ख़ामुशी चारों तरफ़ Share on: