यारब नवा-ए-दिल से ये कान आश्ना से हैं By Sher << क्यूँ न टूटे मिरी तौबा जो... नहीं है मुझ से तअ'ल्ल... >> यारब नवा-ए-दिल से ये कान आश्ना से हैं आवाज़ आ ही है ये कब की सुनी हुई Share on: