करने को कुछ नहीं है नए साल में 'यशब' By Sher << ये समझ कर फ़क़ीरी ही में ... किस से करूँ मैं अपनी तबाह... >> करने को कुछ नहीं है नए साल में 'यशब' क्यों ना किसी से तर्क-ए-मोहब्बत ही कीजिए Share on: