यज़ीद-ए-वक़्त की नींदें हराम होती हैं By Sher << ज़रा सी बात नहीं है किसी ... दौर-ए-हयात आएगा क़ातिल क़... >> यज़ीद-ए-वक़्त की नींदें हराम होती हैं हुसैन अब भी तिरे इज्तिमा-ए-चेहलुम से Share on: