ये आरज़ू है कि अब कोई आरज़ू न रहे By आरज़ू, Sher << ज़िंदगी अब तुझे सँवारें क... यादों का इक हुजूम था तन्ह... >> ये आरज़ू है कि अब कोई आरज़ू न रहे किसी सफ़र किसी मंज़िल की जुस्तुजू न रहे Share on: