ये अदा हुई कि जफ़ा हुई ये करम हुआ कि सज़ा हुई By Sher << अक्स-ए-ख़याल-ए-यार सँवारा... या रहें इस में अपने घर की... >> ये अदा हुई कि जफ़ा हुई ये करम हुआ कि सज़ा हुई उसे शौक़-ए-दीद अता किया जो निगह की ताब न ला सके is this grace or torment, a favour or a punishment lust for sight he has got, but no vision to present Share on: