ये अलग बात कि तज्दीद-ए-तअल्लुक़ न हुआ By Sher << जिस्म उस की गोद में हो रू... ख़ुद पुकारेगी जो मंज़िल त... >> ये अलग बात कि तज्दीद-ए-तअल्लुक़ न हुआ पर उसे भूलना चाहूँ तो ज़माने लग जाएँ Share on: