ये अवध है कि जहाँ शाम कभी ख़त्म नहीं By Sher << इश्क़ हो जाएगा मेरी दास्त... नगरी नगरी फिरा मुसाफ़िर घ... >> ये अवध है कि जहाँ शाम कभी ख़त्म नहीं वो बनारस है जहाँ रोज़ सहर होती है Share on: