ये भी क्या बात कि मैं तेरी अना की ख़ातिर By Sher << ये ख़ज़ाने का कोई साँप बन... तुम अपने दरिया का रोना रो... >> ये भी क्या बात कि मैं तेरी अना की ख़ातिर तेरी क़ामत से ज़ियादा तिरा साया चाहूँ Share on: