ये दाग़-ए-इश्क़ जो मिटता भी है चमकता भी है By इश्क़, Sher << ये ऊँट और किसी के हैं दश्... याद भी तेरी मिट गई दिल से >> ये दाग़-ए-इश्क़ जो मिटता भी है चमकता भी है ये ज़ख़्म है कि निशाँ है मुझे नहीं मालूम Share on: