ये दिल-ए-बद-गुमाँ न देख सके By Sher << यूँ फिर रहे हैं जैसे कोई ... यार तन्हा घर में है अफ़्स... >> ये दिल-ए-बद-गुमाँ न देख सके अगर उस बुत के हो ख़ुदा हमराह Share on: