ये एहतिमाम-ए-चराग़ाँ बजा सही लेकिन By Sher << आज दीवाने का ज़ौक़-ए-दीद ... दिल की उदासियों का कोई सब... >> ये एहतिमाम-ए-चराग़ाँ बजा सही लेकिन सहर तो हो नहीं सकती दिए जलाने से Share on: