ये हिजरतें हैं ज़मीन ओ ज़माँ से आगे की By Sher << देख कर मेरा दश्त-ए-तन्हाई गाँव की आँख से बस्ती की न... >> ये हिजरतें हैं ज़मीन ओ ज़माँ से आगे की जो जा चुका है उसे लौट कर नहीं आना Share on: