ये ज़ाफ़रानी पुलओवर उसी का हिस्सा है By Sher << फ़रियाद को मजनूँ की सुने ... वक़्त-ए-ग़ुरूब आज करामात ... >> ये ज़ाफ़रानी पुलओवर उसी का हिस्सा है कोई जो दूसरा पहने तो दूसरा ही लगे Share on: