ये ज़िंदगी भी अजब कारोबार है कि मुझे By Sher << नाला करता हूँ लोग सुनते ह... हाथ रक्खा मैं ने सोते में... >> ये ज़िंदगी भी अजब कारोबार है कि मुझे ख़ुशी है पाने की कोई न रंज खोने का Share on: