ये कैसे लोग हैं सदियों की वीरानी में रहते हैं By Sher << मुझ को ख़याल-ए-अबरू-ए-ख़म... तकलीफ़ मिट गई मगर एहसास र... >> ये कैसे लोग हैं सदियों की वीरानी में रहते हैं इन्हें कमरों की बोसीदा छतों से डर नहीं लगता Share on: