ये किस मक़ाम पे लाई है ज़िंदगी हम को By Sher << अब यही मेरे मशाग़िल रह गए वो बात 'हफ़ीज़' अ... >> ये किस मक़ाम पे लाई है ज़िंदगी हम को हँसी लबों पे है सीने में ग़म का दफ़्तर है Share on: