ये क्या तिलिस्म है दुनिया पे बार गुज़री है By Sher << सुनते सुनते वाइ'ज़ों ... दिल के मुआमले में मुझे दख... >> ये क्या तिलिस्म है दुनिया पे बार गुज़री है वो ज़िंदगी जो सर-ए-रहगुज़ार गुज़री है Share on: