ये न देखो कि मिरे ज़ख़्म बहुत कारी हैं By Sher << अब मिरा दर्द मरी जान हुआ ... लैला ओ मजनूँ की लाखों गरच... >> ये न देखो कि मिरे ज़ख़्म बहुत कारी हैं ये बताओ कि मिरा दुश्मन-ए-जाँ कैसा है Share on: