ये तमाशा भी अजब है उन के उठ जाने के बाद By Sher << भला तू और घर आए मिरे क्यू... ये दर्द है हमदम उसी ज़ालि... >> ये तमाशा भी अजब है उन के उठ जाने के बाद मैं ने दिन में इस से पहले तीरगी देखी न थी Share on: