ये तो सोचा ही न था यख़-बस्ता लम्हों का सुकूत By Sher << ज़हर सी रात लहू और ये घमस... ये सुनते हैं वहाँ भी कुछ ... >> ये तो सोचा ही न था यख़-बस्ता लम्हों का सुकूत एक दिन टूटेगा और संग-ए-सदा हो जाएगा Share on: