यूँ जागने लगे तिरी यादों के सिलसिले By Sher << महसूस भी हो जाए तो होता न... दबा के क़ब्र में सब चल दि... >> यूँ जागने लगे तिरी यादों के सिलसिले सूरज गली गली से निकलता दिखाई दे Share on: