यूँ लगे दोस्त तिरा मुझ से ख़फ़ा हो जाना By Sher << उस को मंज़ूर नहीं है मिरी... हाथ में देख कर तिरे मरहम >> यूँ लगे दोस्त तिरा मुझ से ख़फ़ा हो जाना जिस तरह फूल से ख़ुशबू का जुदा हो जाना Share on: