यूँ न क़ातिल को जब यक़ीं आया By Sher << मय-ख़ाने में मज़ार हमारा ... पिछले सफ़र में जो कुछ बीत... >> यूँ न क़ातिल को जब यक़ीं आया हम ने दिल खोल कर दिखाई चोट Share on: