यूँही तो नहीं दश्त में पहुँचे यूँही तो नहीं जोग लिया By Sher << उर्दू से हो क्यूँ बेज़ार ... अपने माथे की शिकन तुम से ... >> यूँही तो नहीं दश्त में पहुँचे यूँही तो नहीं जोग लिया बस्ती बस्ती काँटे देखे जंगल जंगल फूल मियाँ Share on: