इक दूर के सफ़र पे रवाना भी हूँ 'ज़फ़र' By Sher << हाए ये तवील ओ सर्द रातें शब पलंग पर हाँपते साए रहे >> इक दूर के सफ़र पे रवाना भी हूँ 'ज़फ़र' सुस्त-उल-वजूद घर में पड़ा भी हुआ हूँ मैं Share on: