ज़ोहद की आस्तीं टटोल देख कहाँ सनम नहीं By Sher << कुछ हर्फ़ ओ सुख़न पहले तो... ये किब्र-ओ-नाज़ अब क्या ज... >> ज़ोहद की आस्तीं टटोल देख कहाँ सनम नहीं संग-ए-सियाह ना-गुज़ीर वर्ना हरम हरम नहीं Share on: