'आदिल' सजे हुए हैं सभी ख़्वाब ख़्वान पर By Sher << बैठे बैठे इसी ग़ुबार के स... ये नक़्श-ए-ख़ुशनुमा दर-अस... >> 'आदिल' सजे हुए हैं सभी ख़्वाब ख़्वान पर और इंतिज़ार-ए-ख़ल्क़-ए-ख़ुदा कर रहे हैं हम Share on: