अज़ दिल-ए-हर-दर्द-मंदी जोश-ए-बेताबी ज़दन Admin मान भी जाओ शायरी, Unpublished Sher << बहार-ए-शोख़-ओ-चमन-तंग-ओ-रं... 'असद' बहार-ए-तमाश... >> अज़ दिल-ए-हर-दर्द-मंदी जोश-ए-बेताबी ज़दन ऐ हमा बे-मुद्दआई यक दुआ हो जाइए Share on: