मिले दो मुर्शिदों को क़ुदरत-ए-हक़ से हैं दो तालिब By Unpublished Sher << नियाज़-ए-इश्क़ ख़िर्मन-सो... मस्जिद के ज़ेर-ए-साया इक ... >> मिले दो मुर्शिदों को क़ुदरत-ए-हक़ से हैं दो तालिब निज़ाम-उद्दीन को ख़ुसरव सिराज-उद्दीन को ग़ालिब Share on: