याद आया जो वो कहना कि नहीं वाह ग़लत By Unpublished Sher << ज़ख़्म-ए-दिल तुम ने दिखाय... तर्ज़-ए-बे-दिल में रेख़्त... >> याद आया जो वो कहना कि नहीं वाह ग़लत की तसव्वुर ने ब-सहरा-ए-हवस राह ग़लत Share on: