बैठा के सामने जी भर के दीदार करना Admin मजबूरी की शायरी, Valentines << तेरे प्यार के सिवा मेरे द... हो दूर तो भी सलाम भेजते ह... >> बैठा के सामने जी भर के दीदार करना,एक रोज बाँहों में भर के प्यार करना,मेरी मजबूरी समझना शिकवा ना कोई करना,हम तेरे ही रहेंगे हमारा ऐतबार करना || Share on: