अफसोस! तो है दोस्त वक़्त बदल जाने का Admin शायरी वक्त पर, अन्य << कभी मतलब के लिए तो कभी बस... न वादे है न कसमे है >> अफसोस! तो है दोस्त वक़्त बदल जाने का,मगर बदलते वक्त ने बहुत कुछ सीखा दिया। Share on: