चांदनी को गुमान है की मेरे चाँद में नूर है मगर ऐसे जीने में क्या मजा Admin चांदनी की शायरी, अन्य << प्यार-इश्क-मोहब्बत पर शाय... हज़ार चेहरों में उसकी मुश... >> चांदनी को गुमान है की मेरे चाँद में नूर हैमगर ऐसे जीने में क्या मजा जिसकी चांदनी दूर है. Share on: