दुआ बारिश की करते हो मगर छतरी नहीं रखते Admin भरोसा शायरी फेसबुक, अन्य << रोटियां घूस की खाता रहा... आदमी आदमी को क्या देगा >> दुआ बारिश की करते हो मगर छतरी नहीं रखतेभरोसा है नहीं तुमको खुदा पर क्या जरा सा भी। Share on: