फ़र्ज़ था जो मेरा निभा दिया मैंने Admin फ़र्ज़ शायरी, अन्य << तू मेरे दिल पे हाथ रख के ... हमारे तो दामन मे काँटो के... >> फ़र्ज़ था जो मेरा निभा दिया मैंने,उसने माँगा जो वो सब दे दिया मैंने,वो सुनके गैरों की बातें बेवफ़ा हो गयी,समझ के ख्वाब उसको आखिर भुला दिया मैंने.. Share on: