फूल हँसे और शबनम रोई आई सबा मुस्काई धूप अन्य << कब खुलेगा कि फलक पार से आ... ये ज़मीं आसमान रहने दे >> फूल हँसे और शबनम रोई आई सबा मुस्काई धूप याद का सूरज ज़ेहन में चमका पलकों पर लहराई धूप! Share on: