हम भी किसी की दिल की हवालात में कैद थे Admin गैरों पर शायरी, अन्य << लम्हे जुदाई को बेकरार करत... उनके हाथ पकड़ने की मजबूती ... >> हम भी किसी की दिल की हवालात में कैद थे..!!फिर उसने गैरों के जमानत पर हमें रिहा कर दिया..!! Share on: