हम रूठे दिलों को मनाने में रह गए Admin मंज़िल शायरी, अन्य << चेहरे की ख़ूबसूरती एक न ए... तुम्हारे हर सवाल का जवाब ... >> हम रूठे दिलों को मनाने में रह गए,गैरों को अपना दर्द सुनाने में रह गए,मंज़िल हमारे करीब से गुज़र गई,और हम औरों को रास्ता दिखाने में रह गए. Share on: