इन "बारिशों" से "अदब-ए-मोहब्बत" सीखो हुज़ूर Admin अन्य << वाह रे तेरी दिवानगी का हु... भीगते हैं जिस तरह से तेरी... >> इन "बारिशों" से "अदब-ए-मोहब्बत" सीखो हुज़ूर...!!अगर ये......"रूठ" भी जाए तो "बरसती" बहुत है...!! Share on: