जिस घड़ी चाहे उलझ जायें Admin यादो कि शायरी, अन्य << कितनी पाक होती है बचपन की... हम ख़ुशबू जैसे लोग है >> जिस घड़ी चाहे उलझ जायें..... ख्यालों से मेरे...इतनी हिम्मत.... तेरी यादों के सिवा किस की है.... Share on: