जो बदनाम थे कल तक Admin समंदर शायरी हिंदी, अन्य << क़यामत टूट पड़ती है यूँ पलके बिछा कर तेरा इंत... >> जो बदनाम थे कल तक, आज वो सुखनवर हो गएजो थे कल तक बाहर, आज दिलों के अंदर हो गएहम तो आज भी एक कतरा हैं रुके हुए पानी का,पर लोग देखते ही देखते, कतरे से समंदर हो गए. Share on: