कई रिश्तों को परखा तो नतीजा एक ही निकला Admin मुहब्बत भरी शायरी, अन्य << जब तक शीशा था सोचा था खुदा के सिवा मुझे... >> कई रिश्तों को परखा तो नतीजा एक ही निकला,जरूरत ही सब कुछ है,मुहब्बत कुछ नहीं होती ! Share on: